- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
करदाता का असेस्मेंट करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि कर का संग्रहण कानून के अनुसार हो
स्टेट जीएसटी अधिकारियों की ट्रेनिंग संपन्न
इंदौर सीए शाखा में सीए इंस्टीट्यूट की इनडायरेक्ट टैक्स कमेटी के तत्वाधान में स्टेट गवर्नमेंट के जीएसटी अधिकारियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ इसमें प्रदेश के विभिन्न शहरों के लगभग 200 से अधिक अधिकारियों ने आज इंदौर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कमिश्नर स्टेट कमर्शियल टैक्स (वाणिज्यकर) लोकेश जाटव जी ने अपने भाषण में कहा कि कौटिल्य के अनुसार टैक्स लगाने से ज्यादा उत्तरदायित्व टैक्स संग्रह करने वाले अधिकारियों का होता है उन्हें किसी भी करदाता का असेस्मेंट करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि कर का संग्रहण कानून के अनुसार हो एवं न्याय संगत हो |
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड के तुरंत बाद वाले वित्त वर्ष में प्रदेश के टैक्स संग्रहण में 21 % की ग्रोथ हुई है जिसका श्रेय विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को जाता है | परंतु अब इस वर्ष और ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है क्योंकि इस वर्ष का टारगेट 26000 करोड़ का है | उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेनिंग का जीएसटी में बड़ा महत्व है क्योंकि पिछले 5 वर्षों में जो परिवर्तन हुए हैं उनका एक स्थान पर कंपाइलेशन करना होगा। आईसीएआई की इस प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने की पहल की उन्होंने सराहना की।
इनडायरेक्ट टैक्स कमिटी, आईसीएआई नई दिल्ली के चेयरमैन राजेंद्र कुमार ने बताया कि 30 जून 2022 से स्टेट को सेंट्रल से मिलने वाला कंपनसेशन अमाउंट मिलना बंद हो जाएगा इसके चलते सिर्फ अकेले मध्य प्रदेश राज्य को करीब 10,000 करोड़ कम मिलेंगे ऐसे में करदाता से टैक्स कंप्लायंस कराना, विभिन्न अवेलेबल डाटा के माध्यम से उचित टैक्स लेना आदि पर अधिकारी का जोर होना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी जिस मूल स्वरूप में आया था तथा आज जो जीएसटी लागू है दोनों में जमीन आसमान का अंतर है उन्होंने अपने भाषण में कहा कि भारत जैसे देश मैं जहां इतनी बड़ी संख्या में लोग निवासरत है तथा विभिन्न प्रकार के करदाता रहते हैं ऐसे में स्टेबल या स्टेटिक टैक्स पॉलिसी होना असंभव है परंतु अधिकारियों के हाथ में है कि वे किस प्रकार से कानून का इंप्लीमेंट करते हैं यह ट्रेनिंग प्रोग्राम अधिकारियों को विभिन्न डॉक्यूमेंट जैसे ऑडिट रिपोर्ट बैलेंस शीट एनालिसिस तथा विभिन्न अवेलेबल डाटा के हिसाब से किस प्रकार कराधान किया जा सकता है इससे अधिकारियों को अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। मध्य प्रदेश कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के करीब 500 अधिकारी इस ट्रेनिंग में हिस्सा लेकर कई बारीकियों पर विशेषज्ञ से जानकारी लेंगे उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम की यह सिर्फ शुरुआत है क्योंकि आईसीएआई आगे भी इस तरह के कार्यक्रम लगातार करने वाली हैं।
प्रोग्राम की डायरेक्टर सीए केमिशा सोनी ने बताया कि देश भर में इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम आईसीएआई करने जा रहा है | इंदौर एवं मध्य प्रदेश में यह पहला कार्यक्रम है | उन्होंने यह भी बताया कि आईसीएआई ने कई व्यवहारिक समस्याओं एवं उनके समाधान पर FAQ के रूप में 500 से अधिक केस स्टडीज बना रखी हैं जो बहुत लाभकारी हैं इनकी स्टडी सभी अधिकारियों के लिए फायदेमंद रहेगी | साथ ही समय-समय पर आईसीएआई द्वारा सरकार को दिए गए विभिन्न समस्याओं के सुझाव (मेमोरेंडम) भी कमेटी की वेबसाइट पर अवेलेबल है जिनकी स्टडी करके अधिकारी फायदा ले सकते हैं |
औरंगाबाद से पधारे सेंट्रल काउंसिल मेंबर सीए उमेश शर्मा ने रिटर्न की स्क्रूटनी एवं उसमें होने वाली मिसमैच के बारे में जानकारी दी उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि आज करदाता सिर्फ अपना रिटर्न फाइल नहीं करता है वरन वह अपने रिटर्न में विभिन्न करदाता जिन्होंने उससे व्यवहार किया है उनका भी डाटा विभाग को देता है तथा उसी के आधार पर आईटीसी मिलती है| ऐसे में करदाता का रिटर्न किसी अन्य के लिए असुविधा ना हो इसका ध्यान रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को यह भी बताया कि कराधान करते वक्त उन्हें भी प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस का पालन करना चाहिए ऐसे मामले जिनमें सुधार संभव है उनमें मूल सुधार कर करदाता के हित में भी कार्य करना चाहिए |
इंदौर ब्रांच के चेयरमैन सीए आनंद जैन ने बताया कि जीएसटी आने से अभी तक आईसीएआई की इंदौर शाखा ने कुल 132 कार्यक्रम किए हैं जिन्हें 27965 लोगों द्वारा अटेंड किया इस हिसाब से कुल 215956 मेन आवर्स के जीएसटी कार्यक्रम किए हैं।
उन्होंने साथ ही यह बताया कि आज हम आज इस कार्यक्रम की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि विभागीय ऑडिट शुरू हो रहे हैं ऐसे में सही न्याय हो सके एवं ऑडिट सही तरीके से उचित समय में एवं कम से कम कागजों के साथ हो सके।
कार्यक्रम में इंदौर सीए ब्रांच के कीर्ति जोशी, रजत धनुका, अतिशय खासगीवाला, अमितेश जैन, मौसम राठी आदि सदस्य उपस्थित थे।